Chauth Mata Mandir
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I visited Chouth Mata Temple in May 2023, I was only a foreigner here. My Indian friend who grew up in the area bought me to visit the temple. This temple is very beautiful and you will see many devotees doing their ritual on the way up the stairs. You can see they are very happy. Good time to visit is in morning or late afternoon or evening so it is not too hot. The steps going up to the temple is quite far but the area has roof so you won't be too hot. You will see many new wedding couples come here to pray respect. I recommen to visit if you are in the area.
Gina M.
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यह शहर राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है एवं इस शहर का विधान सभा क्षेत्र खण्डार लगता है। यहाँ का चौथ माता का मंदिर पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है ! चौथ का बरवाड़ा शहर अरावली पर्वत श़ृंखला की गोद में बसा हुआ मीणा व गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है ! बरवाड़ा के नाम से मशहूर यह छोटा सा शहर संवत 1451 में चौथ माता के नाम पर चौथ का बरवाड़ा के नाम से प्रसिद्ध हो गया जो वर्तमान तक बना हुआ है ! चौथ माता मंदिर के अलावा इस शहर में गुर्जरो का आरिध्य भगवान श्री देवनारायण जी का तथा मीन भगवान का भी भव्य मंदिर है ! वहीं चौथ माता ट्रस्ट धर्मशाला सभी धर्मावलंबियों के लिए ठहरने का महत्वपूर्ण स्थान है। चौथ का बरवाड़ा तहसील में पड़ने वाले बड़े गाँव इस प्रकार है: चौथ का बरवाड़ा, बरवाड़ा क्षेत्र के पास चौरू एवं पचाला जो कि वर्तमान में गाँव बन गए हैं वो प्राचीन काल में घनघौर जंगलों में आदिवासियों के ठहरने के प्रमुख स्थल थे। चौथ माता की प्रथम प्रतिमाका अनुमान चौरू जंगलों के आसपास माना जाता है। एक किंवदंती के अनुसार कहाँ जाता है कि प्राचीन काल में चौरू जंगलों में एक भयानक अग्नि पुंज का प्राक्ट्य हुआ, जिससे दारूद भैरो का विनाश हुआ था। इस प्रतिमा के चमत्कारों को देखकर जंगल के आदिवासियों को प्रतिमा के प्रति लगाव हो गया और उन्होंने अपने कुल के आधार पर चौर माता के नाम से इसकी पूजा करने लगे, बाद मे चौर माता का नाम धीरे धीरे चौरू माता एवं आगे चलकर यही नाम अपभ्रंश होकर चौथ माता हो गया। कहाँ जाता है कि इस माता को सर्वप्रथम चौर अर्थात कंजर जाति के लोगों ने अपनी कुलदेवी के रूप में पूजा था, बाद में आदिवासियों ने भी इसे ही अपनी आराध्या देवी के रूप में माना जो कि जय चोथ माता दी
Mahaveer Kumar
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Divine place to visit...barwada mataji mandir called as chuath Mata mandir..this is located near Sawai Madhopur...holistic place to visit..when you come here you have to step approx 600 staires. Here you will local market. Many people come from long distance to visit here ..they have strong believe that the Mata fulfill their dreams. I will recommend you to visit this place you will find different kind of vibe here. 1000 of people visit their on regular basis
sachin khandelwal
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Chauth Mata Mandir in Chauth Ka Barwara is a place of great significance and charm. This ancient temple holds a special place in the hearts of locals and visitors alike. The temple's architectural beauty and spiritual aura make it a must-visit destination. Upon entering the temple premises, one is greeted by intricate carvings and vibrant colors that adorn the temple's façade. The peaceful atmosphere
Chetram Meena
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चौथ का बरवाड़ा (Chauth Ka Barwara) भारत के राजस्थान राज्य के सवाई माधोपुर ज़िले में स्थित एक नगर है, जो इसी नाम की तहसील का केन्द्र भी है। राजस्थान में सवाई माधोपुर के बरवाड़ा नामक नगर के निकट यह मंदिर 1451 ई. में बना था। यह मंदिर हजार फीट से भी ज्यादा उूंचाई पर स्थित है। 568 साल पुराने यानी, देश के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक इस मंदिर में करवा चौथ के ही मौके पर 2 से 3 लाख महिलाएं पूजा करती हैं। यह मंदिर विशेषतौर पर विवाहित जोड़े के लिए है। सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ के त्योहार के मौके पर यहां अपने सुहाग की रक्षा के लिए प्रार्थना करती हैं। ऐसी मान्यता हैं कि चाैथ माता गौरी देवी का ही एक रूप हैं। इनकी पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान तो मिलता ही है साथ ही दाम्पत्य जीवन में भी सुख बढ़ता है। करवाचौथ हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। अरावली पर्वत पर यह मंदिर सवाई माधोपुर शहर से 35 किमी दूर, सुंदर-हरे वातावरण और घास के मैदानों के बीच स्थित है। सफेद संगमरमर के पत्थरों से इस स्मारक की संरचना तैयार की गई थी। दीवारों और छत पर शिलालेख के साथ यह वास्तुकला की परंपरागत राजपूताना शैली के लक्षणों को प्रकट करता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
Lucky Gautam
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चौथ माता मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। इसे राजस्थान सरकार ने प्रसिद्ध 11 राजस्थान के मंदिरों में शामिल किया है | इस मंदिर की स्थापना 1451 में वहां के शासक भीम सिंह ने की थी। 1463 में मंदिर मार्ग पर बिजली की छतरी और तालाब का निर्माण कराया गया। इस मंदिर में दर्शन के लिए राजस्थान से ही नहीं अन्य राज्यों से भी लाखों की तादाद में श्रद्धालु आते हैं। नवरात्र के दौरान यहां होने वाले धार्मिक आयोजनों का विशेष महत्व है। करीब एक हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर विराजमान चौथ माता जन-जन की आस्था का केन्द्र है। शहर से 35 किमी दूर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह मंदिर राजस्थान के शहर के आस-पास का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है। मंदिर सुंदर हरे वातावरण और घास के मैदान के बीच स्थित है। सफेद संगमरमर के पत्थरों से स्मारक की संरचना तैयार की गई है। दीवारों और छत पर जटिल शिलालेख के साथ यह वास्तुकला की परंपरागत राजपूताना शैली के लक्षणों को प्रकट करता है।मंदिर तक पहुंचने के लिए 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। देवी की मूर्ति के अलावा, मंदिर परिसर में भगवान गणेश और काल भैरव की मूर्तियां भी दिखाई पड़ती हैं।
Bhupesh Kumar Gurjar
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Basic Info
Address
X9RM+53J, Old Grain Mandi Rd, City, Sawai Madhopur, Rajasthan 322001, India
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Phone
+91 1800 11 1363
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Overview
4.4
(1.1K reviews)
Ratings & Description
cultural
accessibility
Description
Chauth Ka Barwara is a town and tehsil headquarters situated in Sawai Madhopur district, Rajasthan. It is also known for Chauth Mata Temple in the region.
attractions: Ranthambore Tiger Safari, Banki Mata Mandir, restaurants:

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