Shri Rajeshwar Temple Agra is established here since 1625. The main white Narmadeshwar Shivling of the temple was installed by a Seth of Raja Kheda
The pundits and priests working in the service of the temple are continuously engaged in the service of God, generation after generation. On Monday, Tuesday and Saturday, the temple is open for the whole day for worship.
The fair starting from the first Monday of the month of Sawan is the most famous and important festival here, under which a large number of Kanwariyas bring water from the Ganges and anoint on Shivling (Agra). About 5 lakh people participate in the fair, out of which 2.5 lakh people perform the abhishekam of Shivling.
Key Highlights
◉ One of the four famous Shiva temples of Agra. ◉ Darshan by lakhs of devotees in Sawan of this Agra Temple. ◉ Organization of 11 Kundiya Maha Shiv Rudra Yagya on the foundation day...
Read moreश्रावण मास के प्रथम सोमवार को आगरा। में लगने वाला सबसे बड़ा विशाल मेला जे । वैसे तो आगरा में चारो कोनो में महादेव के मंदिर स्थापित है लेकिन श्रावण मास के प्रथम सोमवार के जो आनन्द बाबा के दरवार में आता है वह बड़ा ही अनोखा है इसके बाद अब बाबा बल्केस्वर, फिर कैलाश महादेव, फिर पृथ्वी नाथ बाबा। । ।। । ।कि।कि। । । । । । ।। ।। । । । । ।। । ।। । । । ।। ।। । । ।। ।।। ।। ।। । ।। । । । ।। । ।। । । ।। । । । । । ।। । । । । । । । । ।। । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।। । । ।।। । । । । । । । । । । । । । । । ।।। ।हर हर महादेव । । । ।। । । । । । । । । । । । ।। । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । ।। । । । । । । ।। । । । । । । । । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । । ।। । । ।। । । । । । । । ।। । । । । ।। जय शिव सम्भू । । ।। । । । । । । । । । । । । । ।। । । । । । । । । । ।। । । । । । । । ।। । । । । ।। । । ।। । । । । ।...
Read moreराजेश्वर मंदिर- ये भगवान शिव का लगभग 900 वर्ष प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर पर आगरा ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों से शिवभक्त दर्शन के लिए आते हैं।
राजाखेड़ा के एक साहूकार इस शिवलिंग को एमपी की नर्मदा नदी से लाए थे, इस शिवलिंग की स्थापना राजाखेड़ा में होनी थी।
रात में विश्राम के दौरान वे राजपुर चुंगी क्षेत्र में रुके, उन्हें रात में स्वप्न आया कि भोले बाबा का शिवलिंग यहीं स्थापित करें, लेकिन साहूकार ने स्वप्न पर विश्वास नहीं किया।
जैसे ही वे शिवलिंग को बैलगाड़ी से लेकर चलने को हुए, तो बैलगाड़ी खिंच ही नहीं पा रही थी, अचानक शिवलिंग बैलगाड़ी से गिरकर जमीन पर स्थापित हो गया।
काफी प्रयास के बाद भी शिवलिंग वहां से नहीं उठा, जिसके बाद इस जगह पर राजेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण हुआ।
मान्यता है कि शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। सुबह मंगला आरती के दौरान सफेद रंग, दोपहर की आरती के दौरान हल्का नीला और शाम की आरती के दौरान गुलाबी प्रतीत होता है।
जय श्री राजेश्वर महादेव ......
Read more