माँ बाला त्रिपुर सुंदरी, जिसे बाला त्रिपुर सुंदरी या केवल बाला के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू देवी हैं जिन्हें देवी, दिव्य स्त्री ऊर्जा की अभिव्यक्ति माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह देवी त्रिपुर सुंदरी या ललिता का एक युवा और चंचल रूप है, जो हिंदू धर्म की श्री विद्या परंपरा में प्राथमिक देवता हैं।
माँ बाला त्रिपुर सुंदरी के बारे में कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
सौंदर्य और यौवन की देवी: बाला त्रिपुर सुंदरी को सौंदर्य, यौवन और मासूमियत की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्हें अक्सर एक युवा लड़की या एक उज्ज्वल और आकर्षक रूप वाली किशोर देवी के रूप में चित्रित किया जाता है।
भगवान कामेश्वर की पत्नी: पौराणिक कथाओं में, बाला त्रिपुर सुंदरी को भगवान शिव के एक रूप, भगवान कामेश्वर की पत्नी के रूप में माना जाता है। उनका मिलन ब्रह्मांड में मर्दाना और स्त्री ऊर्जा के बीच सामंजस्य का प्रतीक है।
प्रतिमा: बाला त्रिपुर सुंदरी को आम तौर पर एक सुखद और मुस्कुराते हुए चेहरे के साथ चित्रित किया जाता है, जो विभिन्न आभूषणों और गहनों से सुसज्जित होती है। उन्हें अक्सर कमल का फूल, गन्ना धनुष, तीर और फंदा पकड़े हुए दिखाया जाता है। उसका रंग पिघले हुए सोने के समान चमकीला बताया गया है।
पूजा और भक्ति: बाला त्रिपुर सुंदरी के भक्त सुंदरता, अनुग्रह, रचनात्मकता और मन की पवित्रता का आशीर्वाद पाने के लिए उनकी पूजा करते हैं। उन्हें एक शक्तिशाली देवी माना जाता है जो आध्यात्मिक उत्थान प्रदान कर सकती हैं और अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा कर सकती हैं।
श्री विद्या परंपरा: बाला त्रिपुर सुंदरी हिंदू धर्म के भीतर तंत्र के एक प्रतिष्ठित विद्यालय, श्री विद्या परंपरा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। श्री विद्या एक जटिल आध्यात्मिक मार्ग है जो दिव्य माँ की पूजा और कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण पर केंद्रित है।
मंत्र और यंत्र: बाला त्रिपुर सुंदरी की पूजा में अक्सर विशिष्ट मंत्रों का पाठ और यंत्रों (पवित्र ज्यामितीय चित्र) का उपयोग शामिल होता है। उनसे जुड़ा सबसे प्रसिद्ध मंत्र बाला त्रिपुर सुंदरी सहस्रनाम है, जिसके हजारों नाम उन्हें समर्पित हैं।
त्यौहार: भक्त बाला त्रिपुर सुंदरी को समर्पित विशेष त्यौहार मनाते हैं, खासकर नवरात्रि (नौ रातें) त्यौहार के दौरान। नवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जहां नौ रातों की अवधि में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बाला त्रिपुर सुंदरी के आसपास की पूजा और पौराणिक कथाएं हिंदू धर्म के विभिन्न क्षेत्रों और परंपराओं में भिन्न हो सकती हैं। उपरोक्त बिंदु सामान्य मान्यताओं के आधार पर उसके महत्व और विशेषताओं का एक सामान्य अवलोकन...
Read more🙏🙏⛪Jai Maa Bala Tripur Sundari temple is also known as "Shakti Dham" the most visited and religious Hindu temple in Barhiya. Nearby Barahiya railway station and Ganga river. It is easy to locate this temple under normal traffic. One must visit this holy shrine to get wishes fulfilled. Whoever visits this temple and worships the deity of this temple, his/her wishes are sure to be take care of by the deity of this temple. People from far and wide come to visit this shrine. The temple is safe for kids and is a family-friendly spot.
मां वैष्णो देवी जम्मू कश्मीर के संस्थापक श्रीधर ओझा द्वारा स्थापित सिद्ध मंगलापीठ मां बाला त्रिपुर सुंदरी जगदंबा मंदिर बड़हिया (लखीसराय) की पहचान प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर है। लोक आस्था का केंद्र मां बाला त्रिपुर सुंदरी मंदिर ऐतिहासिक और पौराणिक गाथा से लबरेज है। मां बाला त्रिपुर सुंदरी का भव्य और विशाल मंदिर के साथ यहां भक्त श्रीधर ओझा आश्रम का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से किया गया है। सफेद संगमरमर का विशाल 151 फीट ऊंचा मंदिर के गुंबज पर सजे स्वर्ण कलश दूर से ही श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
मंदिर का इतिहास
पौराणिक मान्यता के अनुसार बड़हिया ग्राम की स्थापना पालवंश के काल में हुआ माना जाता है। पंडित श्रीधर ओझा बड़हिया के ही मूल निवासी थे। हिमालय की गुफा में तपस्या करने के दौरान मां वैष्णो देवी की स्थापना के बाद उन्होंने बड़हिया में मां जगदंबा को स्थापित किया था। उस वक्त बड़हिया गांव के पूरब में गंगा तथा पश्चिम में हरूहर नदी बहती थी एवं यह क्षेत्र जंगलों से घिरा था। सैकड़ों विषधर सर्प भी प्रवास करते थे। ग्रामीणों की सर्पदंश से हो रही मौत से निजात दिलाने के लिए भक्त शिरोमणि श्रीधर ओझा ने अराध्य देवी की आराधना की। भक्त की पुकार सुनकर मा बाला त्रिपुर सुंदरी प्रकट हुई। मां से श्रीधर ओझा ने सर्पदंश से निजात दिलाने की मांग की। मां बाला त्रिपुर सुंदरी ने सर्पदंश से मुक्ति का उपाय बताया। भक्त श्रीधर ओझा ने मां को बड़हिया में स्थापित किया और मा बाला त्रिपुर सुंदरी द्वारा बताए गए मंत्र से सर्प दंश से पीडि़त लोगों का उपचार...
Read moreA Divine Experience at Maa Tripura Sundari Temple. Visiting the Maa Tripura Sundari Temple was a deeply spiritual and peaceful experience. Nestled in a serene location, the temple is dedicated to Goddess Tripura Sundari, one of the 51 Shakti; right leg( dakshin charan) including toe Peethas and holds immense religious significance. The atmosphere is truly divine, with the chants and temple bells creating a calming and sacred vibe. The temple architecture is simple yet beautiful, and the idol of Maa is truly mesmerizing. Ideal for a family visit, spiritual retreat, or simply to spend a quiet moment...
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