मांडलगढ़ दुर्ग राजस्थान राज्य के भीलवाड़ा से पूर्व में लगभग 54 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है ! और मांडलगढ़ किला का निर्माण शाकंभरी के चौहानों ने 12वीं शताब्दी में करवाया था ! 14वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने प्राचीन दुर्ग के अवशेषों पर मांडलगढ़ का निर्माण करवाया था ! व मांडलगढ़ मेवाड़ के प्रमुख गिरि दुर्गों में से एक है जो अरावली पर्वतमाला की एक विशाल उपात्यका पर स्थित है ! यह अरावली की उपत्यकाओं में समुद्र तल से 1850 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है और लगभग 1 किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है !दुर्ग का पूरा नाम – मांडलगढ़ दुर्ग व मांडलगढ़ किला Mandalgarh kila किले का निर्माण किसने करवाया था – शाकंभरी के चौहानों के द्वारा निर्माण कब हुआ – इस दुर्ग के निर्माण के बारे में अभी तक कोई पुष्टि नही हुई है जिला का नाम – भीलवाड़ा राज्य का नाम – राजस्थान देश – भारतमांडलगढ़ दुर्ग बनास और बेड़च, मेनाल नदियों के त्रिवेणी संगम के पास मै स्थित होने से कौटिल्य द्वारा निर्देशित है ! आदर्श दुर्ग की परिभाषा को भी चरितार्थ करता है ! इसकी लम्बाई 850 मीटर के लगभग है ! यह मण्डलाकार यानी गोलाई में बना हुआ है इसलिए इसे माण्डलगढ़ कहते हैं ! कुछ लोगों के अनुसार माण्डिया भील के नाम पर चाणना गुर्जर ने इसका निर्माण करवाया था ! इसलिए इस दुर्ग का नाम माण्डलगढ़ पड़ा था !मांडलगढ़ दुर्ग के प्रमुख भवनों में ऋषभदेव का जैन मंदिर दो प्राचीन शिवमंदिर ऊंडेश्वर और जलेश्वर महादेव ! सैनिकों के आवासगृह, रूपसिंह द्वारा निर्मित महल, सागर और सागरी जलाशय, मेहता अगरचन्द द्वारा निर्मित दो पातालतोड़ कुएं ! तथा किले के पूर्व में जालेसर और उत्तर में देवसागर तालाब प्रमुख जल स्रोत हैं !अकबर का आक्रमण 1567 ई. में :- मांडलगढ़ दुर्ग पर मुगल बादशाह अकबर ने 1567 ई. मै अपने विश्वासपात्र सेनापतियों आजम खान और वजीर खां के साथ मिलकर ! मांडलगढ़ किले के अध्यक्ष बालानोत सोलंकी को युद्ध में हराकर दूर्ग पर अपना अधिकार कर लिया !
मुगलों के अधिकार में आने के बाद अकबर की शाही सेना ने मांडलगढ़ को केन्द्र बनाकर राणा प्रताप के विरुद्ध सैनिक अभियान किये ! 1576 ई के प्रसिद्ध हल्दी घाटी युद्ध होने से पहले कुंवर मानसिंह ने लगभग एक महीने तक मांडलगढ़ में रहकर ! शाही सेना को युद्ध के लिए तैयार किया था ! और बाद में यह किला किशनगढ़ नरेश रूप सिंह राठौड़ की जागीर में रहा था ! आम्बेर के जगन्नाथ कछवाहा तथा खंगारोत शाखा के प्रधान राव खंगार ने निकटवर्ती पुर (पुर मांडल) शाही थानों की रक्षा करते हुए ! वीरगति पायी जिसके भव्य स्मारक वहाँ मेजा बांध के किनारे आज भी...
Read moreMandalgarh Fort is a beautiful ruined fort located near Jahazpur City of Rajasthan !! To reach the fort you will have to drive on 4-5 Kms on the Hill which has very narrow roads since the road sides are occupied by the locals and they have made their homes and it becomes hard to cross that road.However when you reach there this fort has many things to offer like Step Well's, Multiple Temples and wonderful views of the City and some bit of Forest as well.This is a very unique and hidden part of Rajasthan and since its our of the way from Tourist Cities like Udaipur,Jodhpur,Chittorgarh so the traffic is very less here but its...
Read moreI live in Mandalgarh town and I quite love this place. The fort seriously needs the attention of the people as well as the government. I must say that there were few developments such as putting on the flag, selfie point, and renovated roads in the past few years and I do appreciate the efforts. Anybody can come and visit the fort but if it's the rainy season, you are going to love this place. The attractions include Jain temple, charbhuja ji ka Mandir, Bawdi (Sagar), and the selfie point. You can also visit the Undeshwar mahadev mandir and go to Gupteshwar...
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