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Shri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur — Attraction in Rajasthan

Name
Shri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur
Description
Nearby attractions
Nearby restaurants
Baba Bholagiri Ji Restaurant, Pure Veg
NH 52, Fatehpur, Rajasthan 332301, India
Nearby hotels
Hotel Poornima Palace
Front of Rathore petrol pump, Near Do janti Balaji temple Churu road, NH 52, Fatehpur, Rajasthan 332301, India
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Shri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur
IndiaRajasthanShri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur

Basic Info

Shri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur

NH 52, Bikaner - Agra Rd, Fatehpur, Rajasthan 332301, India
4.7(1.4K)
Open until 10:00 PM
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spot

Ratings & Description

Info

Cultural
Family friendly
attractions: , restaurants: Baba Bholagiri Ji Restaurant, Pure Veg
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Reviews

Nearby restaurants of Shri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur

Baba Bholagiri Ji Restaurant, Pure Veg

Baba Bholagiri Ji Restaurant, Pure Veg

Baba Bholagiri Ji Restaurant, Pure Veg

3.9

(158)

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Reviews of Shri Do Janti Balaji Dham, Fatehpur

4.7
(1,350)
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5.0
7y

हर मंदिर के निर्माण और उसके नाम का इतिहास कई किस्सों व कहानियों को समेटे होता है। राजस्थान में भी हनुमानजी का एक ऐसा ही मंदिर है, जो खेजड़ी (जांटी) के नाम प्रसिद्ध है। इसका नाम है दो जांटी बालाजी। यह मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में स्थित है। मंदिर के 24वें स्थापना दिवस पर जानें इसकी खास बातें।

-दो जांटी बालाजी मंदिर फतेहपुर में चूरू रोड पर स्थित है। राजस्थान से हरियाणा जाने वाला एनएच 65 भी मंदिर के पास से शुरू होता है। -यहां दो जांटियां किसी जमाने में फतेहपुर के मील के पत्थर के समान थीं। किसी राहगीर का दोनों जांटियों के पास पहुंचने का मतलब फतेहपुर आ जाना होता था। -बालाजी का मंदिर यहां कई दशक से पहले था। 1984-85 में भीषण अकाल के समय गोधन की रक्षा के लिए दो जांटी के पास खेळ का निर्माण करवाया गया। -उसी समय दो जांटी के पास ही फतेहपुर के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से बालाजी के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया। -यूं तो दो जांटी बालाजी धाम में धोक लगाने के लिए सालभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।, मगर दुर्गाष्टमी से शरद पूर्णिमा को यहां अपार भीड़ उमड़ती है। -लोगों में मान्यता है कि दो जांटी बालाजी के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटा। बालाजी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। यहां पर श्रद्धालु 'मनोकामना नारियल' भी बांधते हैं। देर रात तक बही भजनों की रसगंगा फतेहपुर. शहर में दो जांटी बालाजी धाम के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार रात जागरण हुआ। इस मौके पर बालाजी का मेला भी भरा है, जिसमें भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। हरियाणा पंजाब सहित कई दूसरे राज्यों से रोज हजारों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। यहां मेला पूर्णिमां तक चलेगा। सालासर जाने वाले पदयात्रियों के लिए भी यहां विशेष व्यवस्था की गई है। जागरण में संत निश्चलनाथ महाराज ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। वन मंत्री राजकुमार रिणवां भी देर रात तक जागरण में मौजूद रहे। संत रतिनाथ महाराज भी यहां पहुंचे। दो जांटी बालाजी मंदिर का इतिहास दो जांटी बालाजी मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में नेशनल हाईवे 65 पर स्थित है। किसी जमाने में जहां से नेशनल हाईवे शुरू होता है, वहां पर दो जांटी (खेजड़ी) थी। राहगीरों के लिए दोनों जांटियां के पास पहुंच जाने का मतलब होता था कि फतेहपुर आ गया। यहां पर बालाजी का कई दशक पुराना छोटा सा मंदिर था। मंदिर दो जांटियों के पास होने के कारण मंदिर को दो जांटी बालाजी मंदिर के नाम से जाने जाना लगा। वर्ष 1992 में फतेहपुर शेखावाटी के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। रजत जयंती समारोह श्री दो जांटी बालाजी धाम का रजत जयंती समारोह 25 सितम्बर से शुरू हुआ है, जो 3 अक्टूबर तक चलेगा। समारोह के तहत धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। पहले दिन शोभायात्रा व कलश यात्रा निकाली गई। -30 सितम्बर को श्री महावीर मण्डल पिलानी की ओर से रात सात बजे से संगीतमय सुंदरकांड पाठ होंगे। इस दौरान सीमा मिश्रा भजनों व राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति देंगी। -3 अक्टूबर को रात नौ बजे से जागरण होगा। इस मौके पर रतिनाथ महाराज, निश्चलनाथ महाराज व विकास नाथ महाराज उपस्थित रहेंगे।

कैसे पहुंचे दो जांटी बालाजी श्री दो जांटी बालाजी धाम सडक़ व रेलमार्ग से पहुंचा जाता है। फतेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी, सीकर व चूरू इसके निकटवर्ती बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन हैं। इसके अलावा राजस्थान के बाहर से आने वाले श्रद्धालु जयपुर व दिल्ली हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं। दो जांटी बालाजी की दूरी सीकर से 52.5 किलोमीटर चूरू से 36 किलोमीटर जयपुर से 166 किलोमीटर दिल्ली से...

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5.0
5y

Very nice and famous hanumanji maharaj temple. this one very big and beautiful temple. In mind very good feelings after visit here. every time we feel spiritually here. this temple at highway in fatehpur town. anytime people comes here and getting bless of shri balaji maharaj and feel good. many time religious programs celebration here. on hanuman jainti celebrate big programs and too much people visit here on this special day. outside and inside temple to be very nice decoration . whole night bhajan kirtan of shri balaji maharaj plays here. that's so good feelings to hear. totally this temple is very nice. peaceful and a big...

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5.0
6y

Jai shree balaji This place is famous for its two trees of khejari which is also known as janti in local language There are two Hanuman temples in the campus And there is a guest house providing shelter to the groups walking through it from Haryana to Salasar Balaji barefoot People visit here regularly but Tuesday, saturday, And on days of Purnima people come in large numbers Parking is free Located on national highway Famous for Bangali bhelpuri and Muri prepared by local vendors Genuine milk icecream is...

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pramod sainipramod saini
हर मंदिर के निर्माण और उसके नाम का इतिहास कई किस्सों व कहानियों को समेटे होता है। राजस्थान में भी हनुमानजी का एक ऐसा ही मंदिर है, जो खेजड़ी (जांटी) के नाम प्रसिद्ध है। इसका नाम है दो जांटी बालाजी। यह मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में स्थित है। मंदिर के 24वें स्थापना दिवस पर जानें इसकी खास बातें। -दो जांटी बालाजी मंदिर फतेहपुर में चूरू रोड पर स्थित है। राजस्थान से हरियाणा जाने वाला एनएच 65 भी मंदिर के पास से शुरू होता है। -यहां दो जांटियां किसी जमाने में फतेहपुर के मील के पत्थर के समान थीं। किसी राहगीर का दोनों जांटियों के पास पहुंचने का मतलब फतेहपुर आ जाना होता था। -बालाजी का मंदिर यहां कई दशक से पहले था। 1984-85 में भीषण अकाल के समय गोधन की रक्षा के लिए दो जांटी के पास खेळ का निर्माण करवाया गया। -उसी समय दो जांटी के पास ही फतेहपुर के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से बालाजी के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया। -यूं तो दो जांटी बालाजी धाम में धोक लगाने के लिए सालभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।, मगर दुर्गाष्टमी से शरद पूर्णिमा को यहां अपार भीड़ उमड़ती है। -लोगों में मान्यता है कि दो जांटी बालाजी के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटा। बालाजी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। यहां पर श्रद्धालु 'मनोकामना नारियल' भी बांधते हैं। ----- देर रात तक बही भजनों की रसगंगा फतेहपुर. शहर में दो जांटी बालाजी धाम के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार रात जागरण हुआ। इस मौके पर बालाजी का मेला भी भरा है, जिसमें भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। हरियाणा पंजाब सहित कई दूसरे राज्यों से रोज हजारों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। यहां मेला पूर्णिमां तक चलेगा। सालासर जाने वाले पदयात्रियों के लिए भी यहां विशेष व्यवस्था की गई है। जागरण में संत निश्चलनाथ महाराज ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। वन मंत्री राजकुमार रिणवां भी देर रात तक जागरण में मौजूद रहे। संत रतिनाथ महाराज भी यहां पहुंचे। दो जांटी बालाजी मंदिर का इतिहास दो जांटी बालाजी मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में नेशनल हाईवे 65 पर स्थित है। किसी जमाने में जहां से नेशनल हाईवे शुरू होता है, वहां पर दो जांटी (खेजड़ी) थी। राहगीरों के लिए दोनों जांटियां के पास पहुंच जाने का मतलब होता था कि फतेहपुर आ गया। यहां पर बालाजी का कई दशक पुराना छोटा सा मंदिर था। मंदिर दो जांटियों के पास होने के कारण मंदिर को दो जांटी बालाजी मंदिर के नाम से जाने जाना लगा। वर्ष 1992 में फतेहपुर शेखावाटी के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। रजत जयंती समारोह श्री दो जांटी बालाजी धाम का रजत जयंती समारोह 25 सितम्बर से शुरू हुआ है, जो 3 अक्टूबर तक चलेगा। समारोह के तहत धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। पहले दिन शोभायात्रा व कलश यात्रा निकाली गई। -30 सितम्बर को श्री महावीर मण्डल पिलानी की ओर से रात सात बजे से संगीतमय सुंदरकांड पाठ होंगे। इस दौरान सीमा मिश्रा भजनों व राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति देंगी। -3 अक्टूबर को रात नौ बजे से जागरण होगा। इस मौके पर रतिनाथ महाराज, निश्चलनाथ महाराज व विकास नाथ महाराज उपस्थित रहेंगे। कैसे पहुंचे दो जांटी बालाजी श्री दो जांटी बालाजी धाम सडक़ व रेलमार्ग से पहुंचा जाता है। फतेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी, सीकर व चूरू इसके निकटवर्ती बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन हैं। इसके अलावा राजस्थान के बाहर से आने वाले श्रद्धालु जयपुर व दिल्ली हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं। दो जांटी बालाजी की दूरी सीकर से 52.5 किलोमीटर चूरू से 36 किलोमीटर जयपुर से 166 किलोमीटर दिल्ली से 311 किलोमीटर
Neeraj ChauhanNeeraj Chauhan
Very beautifully made temple of Lord Hanuman ji ... Situated on Highway 52 . दो जांटी बालाजी मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में नेशनल हाईवे 65 पर स्थित है। किसी जमाने में जहां से नेशनल हाईवे शुरू होता है, वहां पर दो जांटी (खेजड़ी) थी। राहगीरों के लिए दोनों जांटियां के पास पहुंच जाने का मतलब होता था कि फतेहपुर आ गया। यहां पर बालाजी का कई दशक पुराना छोटा सा मंदिर था। मंदिर दो जांटियों के पास होने के कारण मंदिर को दो जांटी बालाजी मंदिर के नाम से जाने जाना लगा। वर्ष 1992 में फतेहपुर शेखावाटी के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। रजत जयंती समारोह श्री दो जांटी बालाजी धाम का रजत जयंती समारोह 25 सितम्बर से शुरू हुआ है, जो 3 अक्टूबर तक चलेगा। समारोह के तहत धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। पहले दिन शोभायात्रा व कलश यात्रा निकाली गई। कैसे पहुंचे दो जांटी बालाजी श्री दो जांटी बालाजी धाम सडक़ व रेलमार्ग से पहुंचा जाता है। फतेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी, सीकर व चूरू इसके निकटवर्ती बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन हैं। इसके अलावा राजस्थान के बाहर से आने वाले श्रद्धालु जयपुर व दिल्ली हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं। दो जांटी बालाजी की दूरी सीकर से 52.5 किलोमीटर चूरू से 36 किलोमीटर जयपुर से 166 किलोमीटर दिल्ली से 311 किलोमीटर
Deepesh PathakDeepesh Pathak
It’s a 540 years old Balaji Dhaam in Fatehpur Shekhawati. It’s very sacred for all Sanatani. The exact 2 Janti trees (2 Khejdi trees) are still there. Though, the new temple was built in 1992. This place has a very important significance in Ayodhya Ram Mandir revolution. A very special energy can be felt here while you visit the place. Jai Bajrang Bali 🙏
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हर मंदिर के निर्माण और उसके नाम का इतिहास कई किस्सों व कहानियों को समेटे होता है। राजस्थान में भी हनुमानजी का एक ऐसा ही मंदिर है, जो खेजड़ी (जांटी) के नाम प्रसिद्ध है। इसका नाम है दो जांटी बालाजी। यह मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में स्थित है। मंदिर के 24वें स्थापना दिवस पर जानें इसकी खास बातें। -दो जांटी बालाजी मंदिर फतेहपुर में चूरू रोड पर स्थित है। राजस्थान से हरियाणा जाने वाला एनएच 65 भी मंदिर के पास से शुरू होता है। -यहां दो जांटियां किसी जमाने में फतेहपुर के मील के पत्थर के समान थीं। किसी राहगीर का दोनों जांटियों के पास पहुंचने का मतलब फतेहपुर आ जाना होता था। -बालाजी का मंदिर यहां कई दशक से पहले था। 1984-85 में भीषण अकाल के समय गोधन की रक्षा के लिए दो जांटी के पास खेळ का निर्माण करवाया गया। -उसी समय दो जांटी के पास ही फतेहपुर के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से बालाजी के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया। -यूं तो दो जांटी बालाजी धाम में धोक लगाने के लिए सालभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।, मगर दुर्गाष्टमी से शरद पूर्णिमा को यहां अपार भीड़ उमड़ती है। -लोगों में मान्यता है कि दो जांटी बालाजी के दरबार से कभी कोई खाली हाथ नहीं लौटा। बालाजी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। यहां पर श्रद्धालु 'मनोकामना नारियल' भी बांधते हैं। ----- देर रात तक बही भजनों की रसगंगा फतेहपुर. शहर में दो जांटी बालाजी धाम के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार रात जागरण हुआ। इस मौके पर बालाजी का मेला भी भरा है, जिसमें भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है। हरियाणा पंजाब सहित कई दूसरे राज्यों से रोज हजारों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। यहां मेला पूर्णिमां तक चलेगा। सालासर जाने वाले पदयात्रियों के लिए भी यहां विशेष व्यवस्था की गई है। जागरण में संत निश्चलनाथ महाराज ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। वन मंत्री राजकुमार रिणवां भी देर रात तक जागरण में मौजूद रहे। संत रतिनाथ महाराज भी यहां पहुंचे। दो जांटी बालाजी मंदिर का इतिहास दो जांटी बालाजी मंदिर सीकर जिले के फतेहपुर शेखावाटी में नेशनल हाईवे 65 पर स्थित है। किसी जमाने में जहां से नेशनल हाईवे शुरू होता है, वहां पर दो जांटी (खेजड़ी) थी। राहगीरों के लिए दोनों जांटियां के पास पहुंच जाने का मतलब होता था कि फतेहपुर आ गया। यहां पर बालाजी का कई दशक पुराना छोटा सा मंदिर था। मंदिर दो जांटियों के पास होने के कारण मंदिर को दो जांटी बालाजी मंदिर के नाम से जाने जाना लगा। वर्ष 1992 में फतेहपुर शेखावाटी के बोचीवाल परिवार के प्रभुदयाल शर्मा की ओर से मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया। रजत जयंती समारोह श्री दो जांटी बालाजी धाम का रजत जयंती समारोह 25 सितम्बर से शुरू हुआ है, जो 3 अक्टूबर तक चलेगा। समारोह के तहत धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। पहले दिन शोभायात्रा व कलश यात्रा निकाली गई। -30 सितम्बर को श्री महावीर मण्डल पिलानी की ओर से रात सात बजे से संगीतमय सुंदरकांड पाठ होंगे। इस दौरान सीमा मिश्रा भजनों व राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति देंगी। -3 अक्टूबर को रात नौ बजे से जागरण होगा। इस मौके पर रतिनाथ महाराज, निश्चलनाथ महाराज व विकास नाथ महाराज उपस्थित रहेंगे। कैसे पहुंचे दो जांटी बालाजी श्री दो जांटी बालाजी धाम सडक़ व रेलमार्ग से पहुंचा जाता है। फतेहपुर, रामगढ़ शेखावाटी, सीकर व चूरू इसके निकटवर्ती बस स्टैण्ड और रेलवे स्टेशन हैं। इसके अलावा राजस्थान के बाहर से आने वाले श्रद्धालु जयपुर व दिल्ली हवाई मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं। दो जांटी बालाजी की दूरी सीकर से 52.5 किलोमीटर चूरू से 36 किलोमीटर जयपुर से 166 किलोमीटर दिल्ली से 311 किलोमीटर
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Neeraj Chauhan

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It’s a 540 years old Balaji Dhaam in Fatehpur Shekhawati. It’s very sacred for all Sanatani. The exact 2 Janti trees (2 Khejdi trees) are still there. Though, the new temple was built in 1992. This place has a very important significance in Ayodhya Ram Mandir revolution. A very special energy can be felt here while you visit the place. Jai Bajrang Bali 🙏
Deepesh Pathak

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