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BabaTapeshwar Nath ji Mandir — Attraction in Uttar Pradesh

Name
BabaTapeshwar Nath ji Mandir
Description
Nearby attractions
84 Ghanta Temple, West Bareilly
8CQ2+GH7, Bareilly - Badaun Rd, opp. Chaurasi Ghanta Mandir, Subhash Nagar Colony, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Nearby restaurants
New Krishna Bhojnalaya, Bareilly
165, Station Rd, opposite Hotel Bareilly Palace, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Singh's Grill
Station Rd, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Nearby hotels
Paradise AC Dormitory
Railway Station, near plateform no.1, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Hotel Radiance
Multi-Functional Complex Near Bareilly Junction Railway Station, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Hotel Swarn Towers
228-A, Station Rd, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Hotel Yatrik
165, Station Rd, above Bank Of Baroda, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Hotel Sapphire
166, Civil Lines, Mal Godown Road, opp. Saran Hospital, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
OYO 37873 Hotel Shan Royal
164, Malgodam Rd, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Sindhi Guest House
166, Malgodam Rd, opp. Saran Hospital, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
The Manor Bareilly Hotel
209, Station Rd, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
Hotel D'Grand
211-A, 211A, Station Rd, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
OYO 13635 Hotel Shree Rajkamal
166, Station Rd, Civil Lines, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
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BabaTapeshwar Nath ji Mandir
IndiaUttar PradeshBabaTapeshwar Nath ji Mandir

Basic Info

BabaTapeshwar Nath ji Mandir

8CM4+692 Sawaria Tent And Light House, tapeshwernath marg, Subhash Nagar, Subhash Nagar Colony, Bareilly, Uttar Pradesh 243001, India
4.7(79)
Open 24 hours
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spot

Ratings & Description

Info

Cultural
Family friendly
Accessibility
attractions: 84 Ghanta Temple, West Bareilly, restaurants: New Krishna Bhojnalaya, Bareilly, Singh's Grill
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Nearby attractions of BabaTapeshwar Nath ji Mandir

84 Ghanta Temple, West Bareilly

84 Ghanta Temple, West Bareilly

84 Ghanta Temple, West Bareilly

4.7

(160)

Open 24 hours
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Nearby restaurants of BabaTapeshwar Nath ji Mandir

New Krishna Bhojnalaya, Bareilly

Singh's Grill

New Krishna Bhojnalaya, Bareilly

New Krishna Bhojnalaya, Bareilly

3.9

(645)

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Singh's Grill

Singh's Grill

4.2

(240)

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सुभाषनगर में स्थित श्री तपेश्वरनाथ मंदिर नाथ नगरी बरेली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहां कई ऋषि-मुनियों ने कठोर तपस्या कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने तपेश्वरनाथ कहकर पुकारा था। मंदिर के मंहत लखनदास बाबा ने बताया कि ध्रुम ऋषि के एक शिष्य ने यहां सैकड़ों वर्ष तपस्या की थी। उनकी भक्ति को देख भगवान शिव यहां विराजमान हुए और तभी से मंदिर तपेश्वरनाथ के नाम से प्रसिद्ध हो गया। बताया कि जहां भगवान शंकर की शिवलिंग है पहले वहां एक गुफा हुआ करती थी, जिसमें रहकर एक बाबा ने 400 वर्षों तक तप किया। उनके पूरे शरीर पर भालू के समान बाल हो गए। इसलिए लोग उन्हें भालू दास बाबा कह कर पुकारते थे। इसके अलावा यहां बाबा मुनिश्वर दास और राम टहल दास ने भी तप कर भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। वर्षों पहले मंदिर के पास गंगा बहती थी जिसके कारण यहां की मिट्टी अभी भी रेतीली है। जो इसका प्रमाण है। मंहत कहते हैं कि मंदिर परिसर में बनी गौशाला में गौ माता की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। गुरु का बताया महत्व गायत्री शक्तिपीठ आंवला पर गुरु पूर्णिमा पर्व के कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। इस दौरान दर्शन शास्त्री डा. विनीत विधार्थी ने कहा कि गुरु ब्रह्मा की तरह से संरक्षक है। बिष्णु की तरह से पोषक है और शिव की तरह से पाखंड का विनाश करते हैं। गुरु का सानिध्य पाकर अनपढ़ भी सुगम हो जाता है। जिसने भी गुरु की शरण पाई वो निहाल हो गया है। इस मौके पर रामजी मल, मुन्ना लाल, चिरौंजी लाल, अजय, टिंकू, विनोद, अभयेन्द, दिनेश बिहारी सक्सेना, प्रखर, प्रज्ञा आदि आदि उपस्थित रहे। जीवन की सही दिशा बताते हैं गुरु अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर श्याम गंज स्थित सांईं मंदिर पर महंत पं. सुशील पाठक को उत्तरीय एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहर विधायक डा. अरुण कुमार ने कहा कि गुरु ही मनुष्य को भवसागर से पार और जीवन की सही दिशा बताने वाले हैं। इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र देव त्रिवेदी, परशुराम युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अजय राज शर्मा, पंकज पांडे, डा. संजीव पांडे, विशाल शर्मा, राधा शंखधार, दीपक शर्मा, आचार्य मेधावृत शास्त्री आदि ने पं. सुशील पाठक का फूलों की माला से अभिनंदन किया।
Sanchit SharmaSanchit Sharma
बरेली में स्थित तपेश्वरनाथ मंदिर भक्ति के आदर्श स्थलों में से एक है। यह बरेली के सात नाथ मंदिरों में से एक है और आध्यात्मिक अभिभावकों को अपनी शांति और आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। यहाँ की शांति और आत्मीयता का माहौल भगवान के साथ गहरा संवाद करने के लिए एकदम उत्कृष्ट है। चाहे आप शांति की तलाश में हों या केवल सांस्कृतिक धरोहर में विश्वास रखें, यह मंदिर एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। इसके शांतिपूर्ण वातावरण और ध्यान केन्द्रित माहौल से, यहाँ आना हर भक्त के लिए अद्वितीय होगा।
Amrish SharmaAmrish Sharma
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सुभाषनगर में स्थित श्री तपेश्वरनाथ मंदिर नाथ नगरी बरेली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहां कई ऋषि-मुनियों ने कठोर तपस्या कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने तपेश्वरनाथ कहकर पुकारा था। मंदिर के मंहत लखनदास बाबा ने बताया कि ध्रुम ऋषि के एक शिष्य ने यहां सैकड़ों वर्ष तपस्या की थी। उनकी भक्ति को देख भगवान शिव यहां विराजमान हुए और तभी से मंदिर तपेश्वरनाथ के नाम से प्रसिद्ध हो गया। बताया कि जहां भगवान शंकर की शिवलिंग है पहले वहां एक गुफा हुआ करती थी, जिसमें रहकर एक बाबा ने 400 वर्षों तक तप किया। उनके पूरे शरीर पर भालू के समान बाल हो गए। इसलिए लोग उन्हें भालू दास बाबा कह कर पुकारते थे। इसके अलावा यहां बाबा मुनिश्वर दास और राम टहल दास ने भी तप कर भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। वर्षों पहले मंदिर के पास गंगा बहती थी जिसके कारण यहां की मिट्टी अभी भी रेतीली है। जो इसका प्रमाण है। मंहत कहते हैं कि मंदिर परिसर में बनी गौशाला में गौ माता की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। गुरु का बताया महत्व गायत्री शक्तिपीठ आंवला पर गुरु पूर्णिमा पर्व के कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। इस दौरान दर्शन शास्त्री डा. विनीत विधार्थी ने कहा कि गुरु ब्रह्मा की तरह से संरक्षक है। बिष्णु की तरह से पोषक है और शिव की तरह से पाखंड का विनाश करते हैं। गुरु का सानिध्य पाकर अनपढ़ भी सुगम हो जाता है। जिसने भी गुरु की शरण पाई वो निहाल हो गया है। इस मौके पर रामजी मल, मुन्ना लाल, चिरौंजी लाल, अजय, टिंकू, विनोद, अभयेन्द, दिनेश बिहारी सक्सेना, प्रखर, प्रज्ञा आदि आदि उपस्थित रहे। जीवन की सही दिशा बताते हैं गुरु अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर श्याम गंज स्थित सांईं मंदिर पर महंत पं. सुशील पाठक को उत्तरीय एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहर विधायक डा. अरुण कुमार ने कहा कि गुरु ही मनुष्य को भवसागर से पार और जीवन की सही दिशा बताने वाले हैं। इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र देव त्रिवेदी, परशुराम युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अजय राज शर्मा, पंकज पांडे, डा. संजीव पांडे, विशाल शर्मा, राधा शंखधार, दीपक शर्मा, आचार्य मेधावृत शास्त्री आदि ने पं. सुशील पाठक का फूलों की माला से अभिनंदन किया।
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बरेली में स्थित तपेश्वरनाथ मंदिर भक्ति के आदर्श स्थलों में से एक है। यह बरेली के सात नाथ मंदिरों में से एक है और आध्यात्मिक अभिभावकों को अपनी शांति और आत्मा के साथ संबंध स्थापित करने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है। यहाँ की शांति और आत्मीयता का माहौल भगवान के साथ गहरा संवाद करने के लिए एकदम उत्कृष्ट है। चाहे आप शांति की तलाश में हों या केवल सांस्कृतिक धरोहर में विश्वास रखें, यह मंदिर एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। इसके शांतिपूर्ण वातावरण और ध्यान केन्द्रित माहौल से, यहाँ आना हर भक्त के लिए अद्वितीय होगा।
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सुभाषनगर में स्थित श्री तपेश्वरनाथ मंदिर नाथ नगरी बरेली के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि यहां कई ऋषि-मुनियों ने कठोर तपस्या कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने तपेश्वरनाथ कहकर पुकारा था।

मंदिर के मंहत लखनदास बाबा ने बताया कि ध्रुम ऋषि के एक शिष्य ने यहां सैकड़ों वर्ष तपस्या की थी। उनकी भक्ति को देख भगवान शिव यहां विराजमान हुए और तभी से मंदिर तपेश्वरनाथ के नाम से प्रसिद्ध हो गया। बताया कि जहां भगवान शंकर की शिवलिंग है पहले वहां एक गुफा हुआ करती थी, जिसमें रहकर एक बाबा ने 400 वर्षों तक तप किया। उनके पूरे शरीर पर भालू के समान बाल हो गए। इसलिए लोग उन्हें भालू दास बाबा कह कर पुकारते थे। इसके अलावा यहां बाबा मुनिश्वर दास और राम टहल दास ने भी तप कर भोलेनाथ को प्रसन्न किया था। वर्षों पहले मंदिर के पास गंगा बहती थी जिसके कारण यहां की मिट्टी अभी भी रेतीली है। जो इसका प्रमाण है। मंहत कहते हैं कि मंदिर परिसर में बनी गौशाला में गौ माता की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है।

गुरु का बताया महत्व

गायत्री शक्तिपीठ आंवला पर गुरु पूर्णिमा पर्व के कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। इस दौरान दर्शन शास्त्री डा. विनीत विधार्थी ने कहा कि गुरु ब्रह्मा की तरह से संरक्षक है। बिष्णु की तरह से पोषक है और शिव की तरह से पाखंड का विनाश करते हैं। गुरु का सानिध्य पाकर अनपढ़ भी सुगम हो जाता है। जिसने भी गुरु की शरण पाई वो निहाल हो गया है। इस मौके पर रामजी मल, मुन्ना लाल, चिरौंजी लाल, अजय, टिंकू, विनोद, अभयेन्द, दिनेश बिहारी सक्सेना, प्रखर, प्रज्ञा आदि आदि उपस्थित रहे।

जीवन की सही दिशा बताते हैं गुरु अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में गुरु पूर्णिमा पर्व के अवसर पर श्याम गंज स्थित सांईं मंदिर पर महंत पं. सुशील पाठक को उत्तरीय एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शहर विधायक डा. अरुण कुमार ने कहा कि गुरु ही मनुष्य को भवसागर से पार और जीवन की सही दिशा बताने वाले हैं। इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र देव त्रिवेदी, परशुराम युवा मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अजय राज शर्मा, पंकज पांडे, डा. संजीव पांडे, विशाल शर्मा, राधा शंखधार, दीपक शर्मा, आचार्य मेधावृत शास्त्री आदि ने पं. सुशील पाठक का फूलों की माला से...

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“श्रद्धा और शांति का अद्भुत स्थल! बाबा तपेश्वर नाथ मंदिर बरेली, सुभाष नगर में स्थित, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण स्थल है। यह मंदिर शहर का सबसे पुराना शिव मंदिर माना जाता है और बरेली में प्रतिष्ठित 'सात नाथों' में शामिल है—जिसकी वजह से इस क्षेत्र को 'नाथ नगरी' भी कहा जाता है।

मंदिर की पौराणिकता इसे और भी खास बनाती है—यहां भालू बाबा नामक ऋषि ने लगभग 400 वर्षों तक कठोर तपस्या की, और बाद में उनके शिष्यों ने इस तपस्या की परंपरा को आगे बढ़ाया। यह स्थान एक सिद्ध पीठ माना जाता है, जहां श्रद्धा से की गई प्रार्थनाएँ जीवंत होती हैं।

यहाँ गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, और परिसर में विभिन्न देवी-देवताओं जैसे गणेश जी, पार्वती माता, हनुमान, नंदी, राधा-कृष्ण, राम-जानकी, लक्ष्मी-नारायण, पंचमुखी बालाजी और दक्षिणमुखी हनुमान जी की मूर्तियाँ हैं। साथ ही गोशाला और संत सेवा की व्यवस्था भी है, जो यहां की सामाजिक और सेवा-प्रधानता को दर्शाती है।

मंदिर का वातावरण शांति और भक्ति से परिपूर्ण है। साफ-सुथरा परिसर, सुव्यवस्थित पूजा व्यवस्था और सुबह 4 बजे से रात 12 बजे तक खुला रहने का समय इसे भक्तों के लिए और भी सुविधाजनक बनाता है। विशेष रूप से सावन और महाशिवरात्रि पर यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है।

संक्षेप में: यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक गहराई इसे वास्तव में विशेष बनाती है। यदि आप शिवभक्ति में रुचि रखते हैं या गहरी शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव करना चाहते हैं, तो यह मंदिर अनिवार्य दर्शनयोग्य है। मैं इसे पूर्णतः ५/५ स्टार देना चाहूंगा—एक ऐसा स्थान जहाँ भक्ति, इतिहास और सेवा एक...

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तपेश्वर नाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में स्थित एक प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर है, जो बरेली की "नाथ नगरी" पहचान का हिस्सा है। यह मंदिर सात सिद्ध नाथ मंदिरों (अलखनाथ, त्रिवटीनाथ, तपेश्वरनाथ, मढ़ीनाथ, पशुपतिनाथ, बनखंडीनाथ, और धोपेश्वरनाथ) में से एक है और भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।इतिहास और पौराणिक महत्व:स्थापना: तपेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस मंदिर का संबंध तपस्वी ऋषियों की तपस्या से है, जिन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस स्थान पर कठोर तप किया था। मंदिर का नाम "तपेश्वर" (तप + ईश्वर) तपस्या और भगवान शिव से प्रेरित है। स्थानीय मान्यता: कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू (प्राकृतिक रूप से प्रकट) है, जो इसे और भी पवित्र बनाता है।

मंदिर की विशेषताएं:शिवलिंग और अन्य मूर्तियां: मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा, मंदिर परिसर में भगवान गणेश, माता पार्वती, हनुमान जी, और नंदी की मूर्तियां भी हैं। वास्तुकला: मंदिर की संरचना पारंपरिक उत्तर भारतीय शैली में है, जिसमें सादगी और आध्यात्मिकता का समन्वय देखने को मिलता है। मंदिर का प्रांगण खुला और शांत है, जो भक्तों को ध्यान और पूजा के लिए उपयुक्त वातावरण...

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