कृष्ण प्रताप सिंह की बताया कि सन 1857 की क्रांति के अमर शहीद राजा मर्दन सिंह का किला कस्बा बानपुर में स्थित है। जो अंग्रेजों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। मर्दन सिह की कर्मभूमि बानपुर से तालबेहट तथा चंदेरी राज्य से सीमा तक रही है। क्रांति के दौरान तीन बार महाराजा ने अंग्रेजों की सेना को हराया। लेकन एक षडयंत्र के दौरान अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर मथुरा की जेल भेज दिया था। और वही उन्होंने अंतिम सांस ली। भारत के इस महान योद्धा के किले का रख रखाव के अभाव में अराजकतत्वों के द्वारा किले को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। क्षेत्रीय लोगों ने इस एतहासिक धरोहर की सुरक्षा की शासन से मांग की है। इस मौके पर मुस्ताक खा, प्रमोद शर्मा, इबरार खान, मतीन खा, सेंद्रपाल सिंह व नरेंद्र सिंह...
Read moreOne of the most beautiful and historic fort in Bundelkhand.
It's situated on the bank of Talbehat taal which is also very beutiful natural resources of water...
Read moreMardan singh college is one of the biggest school 8th to 12th in talbehat , Babina, jakhora area and the name takes by ancient talbehat king raja...
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