उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में भोलेनाथ का एक प्राचीनतम मंदिर स्थित है। यह मंदिर दो सौ साल पुराना है जो मल्लावां इलाके में अवस्थित है जिसे छोटा काशी विश्वनाथ नाम से जाना जाता है। यहां पर सावन के महीने में दूर दराज से आए हुए लोग पूजा अर्चना करते हैं और सोमवार के दिन जलाभिषेक कर मन्नत मांगते हैं। सुप्रसिद्ध सुनासीर नाथ मंदिर का इतिहास बहुत ही पुराना है। यह मंदिर आस्था का केंद्र होने के साथ ही सोलहवी शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब की बर्बरता का सबूत भी है। इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो सोलवी शताब्दी में मुगल बादशाह औरंगजेब अपनी फौज और तलवारों के दम पर हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त करते हुए यहां गंगा की तराई में आ पंहुचा था। बताया जाता है कि बादशाह की स्वर्ण जड़ित इस मंदिर पर नीयत खराब हो गई। वह इसे लूटकर तोड़ना चाहता था। इसकी भनक लगने पर गौराखेड़ा के शूरवीरों का मुगल बादशाह से सामना हो गया। दोनों ओर से तलवारें म्यान से बाहर निकल आईं और इस युद्ध में भारी खूनखराबा होने के साथ सैकड़ों सैनिक मारे गए। संसाधन सीमित होने के कारण गौराखेड़ा के शूरवीर मुगल बादशाह के आगे टिक नही पाए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद मंदिर के पास पहुंचने पर मुगल बादशाह को मढ़िया के गोस्वामियों का विरोध झेलना पड़ा। पर वहाँ भी जीत मुगल बादशाह की ही हुई। बादशाह के आदेश पर सैनिक मंदिर को लूटने लगे। उसने सबसे पहले मंदिर में लगे दो कुंतल के सोने का कलश उतरवा लिया। फर्श में जड़ी सोने की गिन्नियां व सोने के घंटे लूटकर फ़ौज को मंदिर को ध्वस्त करने का आदेश दिया। जिसपर मंदिर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद सैनिक शिवलिंग को खोदने लगे और जब वह इसमें सफल नहीं हुए तो बादशाह ने शिवलिंग को बीच से चीरने का फरमान जारी किया और कई बार शिवलिंग पर आरा भी चलवाया लेकिन बादशाह के सैनिक शिवलिंग को काट नहीं पाए। देखते ही देखते शिवलिंग से स्वतः दूध की धारा निकलने लगी। यह देख सैनिकों ने आरा चलाना बंद कर दिया। इसी बीच दैवीय प्रकोप से प्रकट हुई असंख्य बर्रैया, ततैया ने बादशाह की फ़ौज पर हमला बोल दिया। जिसके बाद सैनिक भाग खड़े हुए। बरैया व ततैयों ने शुक्लापुर गांव तक फ़ौज का पीछा किया। तब जाकर बादशाह व सैनिकों के प्राण बचे। उसी समय से शुक्लापुर गांव को सुकरौला कहा जाने लगा। शिवलिंग पर आरे का निशान आज भी...
Read moreSunasi Nath Temple located near village Kalenapur , Mallawan district Hardoi , Uttar Pradesh. This is very famous Shiv Ji temple in this area. Here is a huge Shiv Ji murti outside of temple. Recently a new murti of Nandi has been established and that is very big murji outside of main temple ( गर्भ गृह ). Everyday at the evening time big Aarti held here and the Shivling decorated very beautifully......Thank...
Read moreIn the sixteenth century, when Mughal ruler Aurangzeb was engaged in the campaign of demolition of Hindu temples across the country. Then he along with his army reached the Terai area looting and breaking the temples. It is said that this temple was decorated with many gold ornaments. Because of which the Mughal ruler planned to loot this...
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