खरबूजा महल 16वीं सदी का ऐतिहासिक महल है जो धार के किले में स्थित है। इसके गुम्बदों की आकृति खरबूज की भांति है। यह दो मंजिला भवन हैं जिसमे निचले तल पर सात कमरे एवम ऊपरी तल पर चार कमरे बने हुए हैं यह महल पेशवा बाजीराव द्वितीय की जन्मस्थली भी हैं।
(वास्तविक स्थिति)
-वर्तमान में यह बहुत ही जीर्ण-शीर्ण अवस्था मे हैं । -इस महल को देखकर आप समझ सकते है कि हमारी ऐतिहासिक धरोहरों को कैसे बर्बाद किया जाता हैं -मराठा काल मे इस महल पर प्लास्टर एवं भित्ति चित्रकारी की गई थी जिस पर वर्तमान पढे-लिखे वास्तुविदो ने सीमेंट का प्लास्टर लगा कर बर्बाद कर दिया हैं । -अंदर के कमरे पूर्णता क्षतिग्रस्त हो चुके है । -छतो पर खरपतवार एवम पौधे उग गए हैं जिन्हें बकरिया चरती नज़र आएगी। -दीवारों पर प्रेमी-प्रेमिकाओं के नाम उभरे नज़र आएंगे। -चारो तरफ कचरा एवम शराब की बोतल बिखरी पड़ी हैं । -कोई भी सुरक्षा उपाय नही अपनाये गए है -जो भी पर्यटक पुस्तको या अन्य किसी जानकारी से आकर्षित होकर पर्यटन भ्रमण हेतु आएंगे उन्हें सिवाय निराशा के कुछ भी नही मिलेगा। (क्या किया जा सकता है) यह महल धार वासियो की ऐतिहासिक धरोहर है अतः उन्हें ही इसके संरक्षण हेतु...
Read moreइस महल का आकार पूर्व मे खरबूजे की तरह था, इसलिए इस महल का नाम खरबूजा महल पड़ा। यह द्वि-मंजिला महल साधारण लघु कक्षो का राजप्रसाद है। इस महल की संरचना मुगलकालीन स्थापत्य शैली में तैयार किया गया, परन्तु कही-कही पर राजपुताना शैली का प्रभाव भी स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है। मराठा सेनापति राधोबा-दादा पूना से भागने पर सन् 1773 ई. मे इस किला परिसर मे ठहरे थे, जो पेशवा माधवराव प्रथम के काका श्री थे । पेशवा माधवराव प्रथम की पत्नी आनंदी बाई ने यहाँ पर 24 जनवरी सन् 1774 को एक शिशु को जन्म दिया जो बाद मे पेशवा बाजीराव द्वितीय के नाम से प्रसिद्ध हुआ था। महल के लघु शिखर, मेहराबदार प्रवेश द्वार, जालियां...
Read moredewas is a very beautiful city This is the temple of 2 Mata ji, Tulja Bhavani and...
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