Situated in Ujjain, this is a very beautiful temple. It’s very serene and has amazing vibes. Situated on the banks of River Shipra, this is a centuries old temple.
As the name suggests, it is believed visiting this temple and performing puja with all the proper rituals will free you of all your debts. Not just monetary debts but even from the debts of life.
Monday of course is a special day here as the temple is dedicated to Lord Shiva. Also if you donate or daan yellow things here, like chana dal, haldi etc on Monday then you can be freed from your debts. Monday is the day of “peeli puja” in this temple.
It is believed that King Harishchandra performed penance here when he was in deep debt and got the blessings from Mahadev right here.
Temple complex has huge Peepal tree in its premises and many other trees too giving it a very pleasant vibe. The shivling itself is situated at the root of the huge banyan tree. There is also a gaushala inside the complex.
A lovely temple of visit. Highly...
Read moreऋणमुक्तेश्वर महादेव 🔱
ऋण से मुक्ति दिलाते है "ऋणमुक्तेश्वर महादेव"
आज हम आस्था और विश्वास की एक ऐसी पावन स्थली के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में प्रचलित मान्यता है इस मंदिर की दहलीज पर कदम रखने मात्र से ही यहाँ पर आने वाले लोगों को कर्जे और दुखों से मुक्ति मिल जाती विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जयिनी (उज्जैन) में मंदिरों की इस श्रंखला में "ऋणमुक्तेश्वर महादेव" मंदिर अति प्राचीन मंदिरों में से एक हैं। ये मंदिर उज्जैन शहर से लगभग 1 किलोमीटर दूर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के पावन तट पर स्थित है। इस मंदिर में लोगों की इतनी आस्था और ऋणमुक्तेश्वर महादेव पर उनके अटूट विश्वास का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस मंदिर में हर रोज हज़ारों श्रद्धालु दर्शन को आते हैं। अपने कर्जे और दुखों से मुक्ति पाने के लिए भक्त वहां पर "पीली पूजा" भी करवाते हैं। आपको बता दें कि यहां प्रति शनिवार को पीली पूजा का बड़ा महत्व है। पीली पूजा से तात्पर्य पीले वस्त्र में चने की दाल, पीला पुष्प, हल्दी की गांठ और थोड़ा सा गु़ड़ बांधकर जलाधारी पर अपनी मनोकामना के साथ अर्पित करना है।
इस प्राचीन मंदिर की पौराणिक मान्यता है
यहाँ एक बार राजा हरिशचंद्र अवंतिका के निरंजन वन में एक वट वृक्ष के नीचे विश्राम कर रहे थे। राजा हरिशचंद्र इस बात से व्याकुल थे कि उन्हें विश्वामित्र को एक हाथी के भार के बराबर स्वर्ण दान में देना था ,पर ये उनके लिए सम्भव नहीं था क्योंकि उनका राज पाठ तो पहले ही उनसे ले लिया गया था। हालात ये हो गए थे कि उनका पूरा परिवार बिक गया था। ऐसे में जब भोजन का भी प्रबंध नहीं था तो इतना स्वर्ण देना कैसे सम्भव होगा। हरिशचंद्र इसी दुविधा में थे तभी वहां एक आकाशवाणी हुई जिसके पश्चात सत्यवादी राजा हरीशचंद्र, ऋषि विश्वामित्र को दक्षिणा देकर ऋण मुक्त हुये थे। इसके बाद राजा ने अवंतिका वन में पहुंचकर एक विशाल यज्ञ कराया और शिवलिंग स्थापित किया था। जिसके फलस्वरूप राजा हरिशचंद्र को अपना यश और वैभव तो प्राप्त हुआ ही साथ ही साथ भगवान शिव ने राजा को यह वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यहां दर्शन करने के साथ अभिषेक और पीली पूजन करेगा वह ऋण मुक्त तो होगा ही वहीं अन्य सभी तरह की चिंता से भी उसे मुक्ति मिल जायेगी। यदि किसी को ऋण से बहुत परेशानी है तो उसे एक बार उज्जैन आकर ऋण मुक्तेश्वर महादेव की पूजन अर्चन जरूर करना चाहिये।
इस मंदिर में लोग अपनी मान्यताओं की पूर्ति के लिए उसी वट वृक्ष में मन्नत लिए कपडा बांधते हैं और मनोकामना पूरी होने पर उस कपडे की गाँठ को खोल देते हैं। यहाँ पर लोगों का विश्वास है कि इस मंदिर में जो भी इंसान सच में पीड़ित है ,दुखी है ,और सच्चे मन से यहाँ आकर पूजा करता है तो उसे उसके ऋण से बहुत जल्द छुटकारा मिल जाता है।
इस मंदिर की आस्था और भक्तों का विश्वास आज भी लाखों लोगों को द्वार पर आने के लिए मजबूर कर देता है। ये प्राचीन मंदिर वर्तमान को पुराण से जोड़ता है ,कर्म को धर्म से जोड़ता है।
आप भी एक बार इस पौराणिक मंदिर में जाकर यहाँ के चमत्कार और विश्वास के अद्भुत मंज़र के साक्षी...
Read moreRinkmukteshwar Mandir.
Said to free you from all debts in this life and past lives. You can either perform puja or offer the Pilla Sankalp Daan to free yourself from all loans. We paid 250 per person for the Pilla Daan. Please pay in advance.
Limited availability. If you are here for Mahakal Darshan and are also planning to visit, you can find e-rickshaws; they will charge 80 for four people. Do not pay more than this, as they will ask for 200, 180, or 150 for the same.
There are no hotels nearby, so either carry your food or the e-rickshaw driver can take you to the nearest hotel, with which they have commission links. My suggestion: go back to the Mahakal temple and explore...
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