Unfortunately I didn't know much about this temple before visiting. But I went after someone suggested me to go here once.
After I came back from my trip I searched about the temple and found out that it's the only Hanuman temple in India where hinglu and Chameli oil is used for worshipping.
Hanuman ji is in red colour instead of orange. Don't forget to notice the face under the feet of Hanuman ji, it's related story of Ahiravan. It's The face is of Ahiravana's kul devi.
People also come here to protect themselves from negative energy. You can ask the pandit ji for 'jhada' if you want to protect yourself from evil eye. I went early in the morning so there's was hardly three four other people in the temple. You can easily reach here by auto rickshaw and then walk from...
Read moreइस मन्दिर को खुद हनुमानजी ने बनवाया था और खुद यहाँ विराजमान हो गए थे।लाल रंग में रंगे हनुमानजी के दर्शन कभी किए हैं आपने ? अगर नहीं तो आज कराते हैं उज्जैन के लाल हनुमान के दर्शन। इन्हें भक्त गैबी हनुमान के नाम से भी पुकारते हैं । कहते हैं इनके इस दुर्लभ रूप के दर्शन मात्र से हो जाती है सभी इच्छा पूरी | गेबी हनुमानजी का रंग सिंदूरी नहीं बल्कि हिंगलु है। जिस पर चांदी का वर्क चढ़ाया गया है ।जानिए , कैसे हनुमानजी ने खुद बनवाया था यह मन्दिर -- मन्दिर के पुजारी के पूर्वजों को कई साल पहले सपना आया था , जिसमें कोई उन्हें कहता था बावड़ी से मुझे बाहर निकालो , ये हनुमानजी ही थे जो उनके सपनों में आते थे। मूर्ति का रंग लाल होने की वजह से ही उन्हें , शुरू से ही हिंगलु चढ़ाया जाता है। यहाँ हनुमानजी की प्रतिमा के पैरों के नीचे एक मूर्ति है , कहते हैं ये अहिरावण की कुलदेवी की मूर्ति है। जिसे हनुमानजी ने अपने पैरों से कुचल दिया था। अहिरावण जब राम और लक्षमण को बंदी बनाकर पाताल लोक ले गया था तो हनुमानजी ने ही उन्हें कैद से मुक्त कराया था। इस बात की गवाही गैबी हनुमान की यह मूर्ति देती है।बजरंगबली को रोजाना हिंगलु यानी लाल रंग और चमेली के तेल से श्रृंगार कराया जाता है और भक्त इस तरह से अंजनीपुत्र का दुर्लभ रूप देखकर धन्य तो हो ही जाता हैं।उनके हाथ अपना जीवन सौंपकर हो जाते हैं हर सुख दुख से निश्चिंत ।गैबी हनुमान को यहाँ गुड़-चने का भोग लगाया जाता है। कहा जाता है कि गुड़-चना चढ़ाने से हनुमानजी प्रसन्न हो जाते हैं और देते हैं अपने भक्तों को मनचाहा फल। काले धागे से भी होती है मनोकामना पूरी। दर्शन मात्र से कैसे संवर जाती है किस्मत , दुख में हारे मन को मिल जाता है , सहारा।भक्तों के भक्त हनुमान ,जरा से चने और गुड़ से खुश हो जाते हैं और मिठास से भर देते हैं श्रृद्धालु का जीवन। देश-विदेश में उज्जैन के गेबी हनुमान के भक्तों की कमी नहीं है। यह हनुमान गेबी साहब और डॉक्टर हनुमान के नाम से भी जाने जाते हैं। गेबी हनुमान को डाॅक्टर हनुमान भी इसलिए कहते हैं कि यहाँ टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है। गैबी हनुमान मन्दिर की एक और विशेषता है यहाँ की आरती। कहते हैं जो शख्स इस आरती में शामिल होता और मंगलवार या शानिवार को हनुमान चालिसा या सुंदर कांड का पाठ करता है हनुमानजी खुद उसके दुख दर्द दूर...
Read moreThe sentiment attached to this temple gets 5/5 from me. However, everything else from parking to accessibility is worst. It is located in the inside of a narrow lane, where you will have a tough time parking your vehicle. DO NOT TAKE YOUR CAR to this temple, other options are taking a e-rickshaw or...
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