पद्मश्री Dr. Yashodhar Mathpal, गुरुजी से मुलाकात आजीवन एक पुरस्कार और पूंजी की तरह मेरे साथ रहेगी। उनके विशाल व्यक्तित्व के विषय में कुछ कह पाना मेरी योग्यता से परे की बात है। बस इतना कह सकता हूं कि उनके दर्शनों से मैं कृतार्थ हुआ। गुरुजी ने विभिन्न विषयों पर जो विचार मेरे संग सांझा किए वो मेरे आत्मज्ञान और चेतना को जागृत करने के लिए पर्याप्त हैं। प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन सदा प्राप्त होता रहे यही कामना है।
Folk Culture Museum, Geeta Dham, Bhimtal, Uttarakhand एक ऐसा स्थान है जहां कला Painting, पुरातत्व इत्यादि क्षेत्रों के ऐसे दुर्लभ आयाम देखने को मिलते हैं कि दिल दिमाग बस मंत्रणा ही करता रह जाएगा। कला की ऐसी पराकाष्ठा कि देखने वाला मंत्रमुग्ध हो जाए और उसका भावुक हो जाना भी संभव है। रंगों का ऐसा चमत्कारी कला कौशल कि उन्होंने अपने हाथों से मानो जीवन का सृजन ही कर दिया हो। हर एक कला कृति अपने जीवंत रूप में है और देखने वाले को स्वयं ही अपनी ओर खींच लेती है। एक एक कला कृति अपने आप में शोध का विषय है।
गुरु जी द्वारा बनाए गए आदि काल के गुफा चित्र हों या पहाड़ के अलग अलग काल खंडों से जुड़े चित्र, दुर्लभ पाषाण खंड, औजार, वेश भूषाएं, जीवाश्मों का संग्रह इत्यादि सब कुछ अद्भुत संसार सा प्रतीत होता है इस संग्रहालय में। ना सिर्फ भारत में अपितु संपूर्ण विश्व में ही यह संग्रहालय अपने में इकलौता और अनूठा है। मैं गुरुजी Dr. Yashodhar Mathpal जी को उनके इस योगदान के लिए शाष्टांग प्रणाम करता हूँ।
यह हम सभी का सौभाग्य है कि यह पवित्र स्थान हमारे उत्तराखंड में है जिसे स्वयं गुरु जी Dr. Yashodhar Mathpal जी ने हम सभी कला प्रेमियों के लिए अपने आशीर्वाद के रूप में निर्मित किया है।
बहुत जरूरी है कि सभी कला साधक, कला प्रेमी, शासन प्रशासन सभी गुरु जी की इस अमूल्य धरोहर को संजोए रखने के लिए अपना सहयोग बढ़ चढ़ कर करें फिर चाहे वो वित्त अनुदान के रूप में हो या फिर संग्रहालय को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाकर। उनका हम सभी पर ये ऋण है कि हम ऐसी धरोहर के साक्षी बन पा रहे हैं।
कला क्षेत्र में इस संग्रहालय को न सिर्फ उत्तराखंड अपितु भारत का गौरव और GTag प्राप्त होना चाहिए।
मैं तो सभी विद्यालयों, संस्थानों को कहना चाहता हूं कि अपने शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को एक बार इस अनूठे संग्रहालय पर अवश्य ही आना ही चाहिए और गुरु जी के विचारों और जीवन यात्रा के विषय में जानकर , चिंतन करना चाहिए , लाभ लेना चाहिए। ऐसे कला साधक, गुरु का सानिध्य बड़े ही पुण्य से...
Read moreI recently visited the Folk Culture Museum (Lok Sanskriti Sangrahalaya) in Bhimtal, and it was an amazing experience. The museum beautifully showcases ancient Indian tools, fire-making equipment, traditional cutlery, the barter system, and an impressive collection of preserved manuscripts, books, and records.
The highlight was the thousands of stunning paintings by Dr. Yashodhar Mathpal, which reflect India’s folk traditions and history. This museum is a perfect blend of art and heritage, making it a must-visit for anyone interested in India’s...
Read moreI am Ravinder Bhatt Principal of APS International School Ujhani Budaun. We got an opportunity to visit the museum with 26 students and we are fortunate to met with the renowned personality of India, Padma shri Awardy Dr. Yashodhar Mathpal ji. We are mesmerized after seeing this wonderful museum. It is my request to the State Government and central government to motivate him to preserve our great culture and Art of Uttrakhand. Thanks for providing us with full of motivation and enhance...
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