राधे कृष्ण राधे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण राधे राधे। राधे श्याम राधे श्याम, श्याम श्याम राधे राधे।।हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।।ॐ कृष्णाय नमःश्री जुगल किशोर जी मंदिर, वृंदावनश्री जुगल किशोर जी मंदिर, वृंदावन का इतिहास काफी प्राचीन और महत्वपूर्ण है। यह वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर की स्थापना और विग्रह की प्राप्ति: विग्रह की खोज: इस मंदिर में प्रतिष्ठित श्री जुगल किशोर जी का विग्रह (मूर्ति) संत हरिराम व्यास जी को संवत् 1620 (1563 ई.) में माघ शुक्ल एकादशी को वृंदावन के "किशोरवन" नामक स्थान पर प्राप्त हुआ था। व्यास जी ने उसी स्थान पर इस प्रतिमा को स्थापित किया। मंदिर का निर्माण: बाद में ओरछा के राजा मधुकर शाह ने किशोरवन के पास एक मंदिर बनवाया, जहाँ श्री जुगल किशोर जी कई वर्षों तक विराजमान रहे। पुनर्निर्माण/वर्तमान मंदिर: वर्तमान श्री जुगल किशोर मंदिर का निर्माण मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में 1627 ई. (संवत् 1684) में नानकरण नामक राजपूत सरदार ने करवाया था। यह मंदिर लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसकी वास्तुकला राजपूताना शैली के अन्य मंदिरों के समान है जो मुगल काल में ब्रज क्षेत्र में बने थे। मंदिर का महत्व और विशेषताएँ: केशी घाट से संबंध: यह मंदिर यमुना नदी के तट पर स्थित प्रसिद्ध केशी घाट के पास है। ऐसी मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने अश्व दानव केशी का वध किया था और उसके बाद यमुना में स्नान किया था। इसलिए इसे केशी घाट मंदिर भी कहा जाता है। वैष्णव संप्रदाय: यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है। औरंगजेब के हमले और विग्रह का स्थानांतरण: 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान जब मुगल सेना ने वृंदावन पर हमला किया और मंदिरों को नष्ट करना शुरू कर दिया, तब भक्तों ने श्री जुगल किशोर जी के मूल विग्रह को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्णय लिया। इस विग्रह को ओरछा के पास पन्ना (मध्य प्रदेश) ले जाया गया, जहाँ आज भी पुराना जुगलकिशोर मंदिर में ठाकुर जी भक्तों को दर्शन दे रहे हैं। वृंदावन में वर्तमान मंदिर में एक दूसरा युगल विग्रह (जुगल बिहारी) प्रतिष्ठित है। वास्तुकला: मंदिर की वास्तुकला बहुत सुंदर है, जिसमें कृष्ण को गोवर्धन पर्वत उठाए हुए एक उत्कृष्ट नक्काशी भी शामिल है। मंदिर का मुख्य शिखर श्री मदन मोहन मंदिर के समान है। संक्षेप में, श्री जुगल किशोर जी मंदिर वृंदावन का एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व वाला स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और ब्रज के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा हुआ है। हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।।राधे कृष्ण राधे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण राधे राधे। राधे श्याम राधे श्याम, श्याम श्याम राधे राधे।।हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे।।राधे कृष्ण राधे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण राधे राधे। राधे श्याम राधे श्याम, श्याम श्याम राधे राधे।।हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम, राम...
Read moreThis temple is hidden from the public as Shri Radha...
Read moreजय श्री राधा, जय श्री कृष्ण इस मन्दिर में राधा कृष्ण की युगल...
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